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ऑस्ट्रेलिया का राष्ट्रीय पशु कंगारू शाकाहारी जानवर है। कंगारू के पैरों में अंगूठे नहीं होते हैं। उसकी पिछली टांगें लंबी होती हैं और अगली बहुत छोटी। इसीलिए यह उछल-उछलकर चलता है। इसके शरीर पर बनी थैली इसकी खास विशेषता है। कंगारू के बच्चे जन्म के बाद कुछ महीनों तक इसी थैली में रहते हैं। कंगारू के लिए एक कठिनाई है कि वह कभी उलटा नहीं चल सकता

हर जीव की त्वचा मृत होकर अपने आप किसी-किसी स्थान से उतरती रहती है। मगर सांप अपनी त्वचा के खराब होने पर इसे साल में तीन से चार बार उतारता है, जिसे केंचुली उतारना कहते हैं। अजगर साल में एक बार ही केंचुली बदलता है। केंचुली उतारने के बाद सांप की त्वचा की सफाई हो जाती है। किसी प्रकार का संक्रमण हो, तो वह भी ठीक हो जाता है। नई त्वचा काफी चिकनी और चमकदार आती है। केंचुली बदल जाने के बाद सांप काफी चुस्त और आकर्षक दिखता है। त्वचा में कुछ भी खराबी होने पर सांप एकांत स्थान पर चला जाता है। खाना भी छोड़ देता है। फिर वह बहुत कष्टकारी प्रक्रिया से गुजरता है। उसके मुंह के पास की त्वचा कुछ ढीली होती है। जबड़े के पास किसी पत्थर आदि से रगड़कर चीरा लगाता है। फिर पेड़, पत्थर, कांटों आदि से शरीर रगड़-रगड़कर पूरे शरीर की केंचुली उतार देता है। यह जादू केवल वही कर सकता है, हम नहीं।

 
 
 

हर जीव की त्वचा मृत होकर अपने आप किसी-किसी स्थान से उतरती रहती है। मगर सांप अपनी त्वचा के खराब होने पर इसे साल में तीन से चार बार उतारता है, जिसे केंचुली उतारना कहते हैं। अजगर साल में एक बार ही केंचुली बदलता है। केंचुली उतारने के बाद सांप की त्वचा की सफाई हो जाती है। किसी प्रकार का संक्रमण हो, तो वह भी ठीक हो जाता है। नई त्वचा काफी चिकनी और चमकदार आती है। केंचुली बदल जाने के बाद सांप काफी चुस्त और आकर्षक दिखता है। त्वचा में कुछ भी खराबी होने पर सांप एकांत स्थान पर चला जाता है। खाना भी छोड़ देता है। फिर वह बहुत कष्टकारी प्रक्रिया से गुजरता है। उसके मुंह के पास की त्वचा कुछ ढीली होती है। जबड़े के पास किसी पत्थर आदि से रगड़कर चीरा लगाता है। फिर पेड़, पत्थर, कांटों आदि से शरीर रगड़-रगड़कर पूरे शरीर की केंचुली उतार देता है। यह जादू केवल वही कर सकता है, हम नहीं।

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