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FRACTION


घर्षण बल (Friction in Hindi)

मान लीजिये कि आप किसी चीज़ को धीरे से धक्का देते हैं और वो आगे नहीं बढ़ती है ! अब इसका मतलब ये है कि कोई बल है जो उस चीज़ और वो जिस चीज़ पर रखा है उसके बीच काम कर रहा है !

वो बल दोनों वस्तुओं के बीच गति (आपेक्षिक गति) का विरोध कर रहा है ! अब यही बल जो है वो घर्षण बल कहलाता है ! ध्यान रखने वाली बात ये है कि इस बल की दिशा हमेशा ही गति के विपरीत यानि उल्टी तरफ होती है !

घर्षण (Friction) बल होता ही क्यूँ है ?

आप सतहों को ध्यान से देखिये उन पर कहीं ना कहीं या तो छोटे छोटे गड्डे होते हैं या फिर सतह ऊंची नीची होती है जिसकी वजह से कोई भी चीज़ उस पर ठीक से गति नहीं कर पाती !

तो इससे पता चलता है कि घर्षण बल का कारण कहीं ना कहीं सतह का खुरदरा होना है लेकिन चिकनी सतहों पर भी घर्षण बल होता है अब इसका क्या कारण हो सकता है ?

यदि घर्षण (Friction) बल ना हो तो ?

आप सीधे नहीं खड़े रह पाएंगे, फिसल फिसल कर गिरते रहेंगे !

सड़क पर गाडियाँ नहीं चल पाएँगी !

घर्षण बल से कोई नुकसान भी है क्या ?

एक बड़ा नुकसान ये है कि जो भी मशीनें होती है या गाडियाँ होती है, मशीनों के तो कल पुर्जे घिस जाते हैं तो ये एक नुकसान है और गाड़ियों के टायर !

पर अगर ये नुकसान बचाने गए तो कोई काम ही नहीं हो पाएगा

घर्षण बल को कम किया जा सकता है क्या ?

हाँ इसे कम किया जा सकता है इसके लिए आप ये दो काम कर सकते हैं

  • आपने देखा होगा अक्सर कार और मोटर साइकल में एक इंजन Oil डाला जाता है उसे हिन्दी में स्नेहक और अँग्रेजी में Lubricant कहते हैं वास्तव में ये इंजन में चिकनाई लाकर घर्षण को कम कर देता है ! अगर ये इंजन में ना डाला जाये तो इंजन जाम हो जाता है !

  • दूसरा आपको पता ही होगा कि जो बॉल बियरिंग है उससे जितनी भी घूमने वाली मशीनें हैं उनमें प्रयोग करके घर्षण को कम किया जाता है !

 
 
 

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